हेल्मेट ना पहनने पर लड़कियों का भी चालान काटा जा रहा है, हद तो तब हो गई जब एक लड़की का पैरों से स्कूटी ना रोकने पर लाइसेंस ही कैन्सल कर दिया गया।
घटना उत्तर प्रदेश के सुखदेवपुरा की है जहाँ नेहा जैन नाम की एक युवती का ड्राइविंग लाइसेंस सिर्फ इसलिए रद्द कर दिया गया क्योंकि उसने एक महीने में एक बार भी पैरों से स्कूटी नहीं रोकी थी।
अब खुद नेहा को भी समझ नहीं आ रहा है कि आखिर उससे इतनी बड़ी गलती कैसे हो गई। Faking News करते हुए नेहा ने बताया कि, “मैं पिछले दस सालों से ड्राइविंग कर रही हूँ, कभी बिना हेल्मेट के स्कूटी चलाई तो कभी बिना सीटबेल्ट के! चाहे नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने की बात हो या रॉंग साइड से गाड़ी चलाने की, आज तक मेरा एक बार भी चालान नहीं कटा था!
ये पहली बार हुआ है कि ट्रैफ़िक पुलिस वाले भैया ने मुझे पकड़ा और सीधा लाइसेंस ही अमान्य कर दिया, वो भी इतनी सी बात पर कि मैंने पैरों से स्कूटी नहीं रोकी थी! मैं इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक जाऊँगी, एक-एक को देख लूँगी!”
उधर, नेहा का चालान काटने वाले कांस्टेबल रामहंस नेगी ने भी हमसे बात की और अटपटे से लगने वाले इस फैसले की वजह बताई, उन्होंने कहा कि, “अगर कोई लड़की ये कहे कि मैं स्कूटी चलाते समय हाथों से ब्रेक लगाती हूँ तो ये बात सौ प्रतिशत झूठ ही होगी क्योंकि लड़कियों को पैर से ही स्कूटी रोकना आता है, हैंडब्रेक के कांसेप्ट से उनका साक्षात्कार अब तक नहीं हुआ है!
इस नेहा की चप्पलें घिसी हुई नहीं थी, इसका मतलब ये हुआ कि दूसरी लड़कियों की तरह पैर से गाड़ी रोकने की बजाय ये लड़की हैंडब्रेक का उपयोग कर रही थी! ऐसा कैसे हो सकता है? कहाँ जा रहा है हमारा समाज! इसीलिए हमने उनका लाइसेंस रद्द कर दिया!” -नेगी ने एक बाइक चालक को रोकते हुए कहा।
मामला सुनने में भले ही मजाकिया लगे लेकिन नेहा ने निचली अदालत में इसके ख़िलाफ़ मुकदमा भी दायर कर दिया है।
News Source: Faking News Agency
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